Returns to Scale in Hindi – पैमाने के प्रतिफल:
यदि आप अर्थशास्त्र विषय के छात्र हैं तो पैमाने के प्रतिफल (Returns To Scale) के बारे में जानना बहुत ही जरूरी है। पैमाने के प्रतिफल को निम्न प्रकार से परिभाषित किया जा सकता है- “जितना गुना सभी अनुपातों को दोहराया जाता है अर्थात् जितना गुना स्थिर और इसीलिए परिवर्तनशील स्तनों को बढ़ाया जाता है तो वह फर्म के पैमाने को स्थापित करता है।”
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सरल शब्दों में कहें तो, पैमाने में वृद्धि का अर्थ है सभी साधनों को एक ही अनुपात में बढाना अर्थात् साधन अनुपातों को स्थिर रखते हुए सभी साधनों को बढ़ाया जाता है। पैमाने का यह विचार दीर्घ काल से सम्बन्ध रखता है, क्योंकि इसमें स्थिर साधनों को परिवर्तित करके फर्म के आकार को बढ़ाया जाता है।
Thaught Of Returns to Scale – पैमाने के प्रतिफल के विचार:
Returns To Scale (पैमाने के प्रतिफल) का विचार इस बात का अध्ययन करता कि यदि सब उपादानों में आनुपातिक परिवर्तन कर दिया जाय, ताकि साधनों के मिलने के अनुपातों में कोई परिवर्तन न हो, तो उत्पादन में किस प्रकार से परिवर्तन होगा?
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Stages Of Returns To Scale (पैमाने के प्रतिफल की अवस्थाएं)
पैमाने_के प्रतिफल (Returns To Scale) के विश्लेषण के अन्तर्गत साधनों या उपादानों के आपसी अनुपात को नहीं बदला जाता बल्कि सभी साधनों को एक ही अनुपात में बढ़ाया जाता है। जब साधनों की मात्रा को एक ही अनुपात में बढ़ाया जाता है तो प्राप्त होने वाले उत्पादन की मात्रा या प्रतिफल की निम्नलिखित अवस्थाएँ होती हैं-
- पैमाने के बढ़ते प्रतिफल की अवस्था
- पैमाने के स्थिर प्रतिफल की अवस्था
- पैमान के घटते प्रतिफल की अवस्था।
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2 Replies to “पैमाने के प्रतिफल || Returns to scale”