निवार (Nivar Cyclone) इस साल बंगाल की खाड़ी से उठने वाला दूसरा सबसे बड़ा चक्रवात था। यह नाम ईरान (Iran) द्वारा दिया गया है। इससे पहले मई महीने में अम्फन चक्रवात (Amphan Cyclone) ने भारी तबाही मचाई थी। अम्फन चक्रवात का नाम थाईलैंड (Thailand) द्वारा दिया गया था। इस आर्टिकल में चक्रवातों के नामकरण की प्रक्रिया (Cyclone Name Process) बताई गई है।
कैसे पड़ा निवार चक्रवात का नाम? (Who Given Name Of Nivar Cyclone):
निवार चक्रवात का नाम ईरान द्वारा सुझाया गया है। यह साल 2020 में हिन्द महासागर से उठे तूफानों के लिए जारी सूची का तीसरा नाम है। ईरानी शब्द निवार (Nivar) का हिन्दी अर्थ है- ‘रोकथाम करना’। 22 नवम्बर को सोमालिया से आए चक्रवात का नाम भारत ने दिया था। भारत ने इसे ‘गति’नाम दिया था, जिसका अर्थ है- रफ्तार।
चक्रवातों का नामकरण कैसे होता है? (Cyclone Name Process):
एशिया (Asia) और प्रशांत (Pacific) क्षेत्र के लिए संयुक्त राष्ट्र के आर्थिक और सामाजिक आयोग (ESCAP) और विश्व मौसम संगठन (WMO) ने साल 2000 में बंगाल की खाड़ी और अरब सागर में उठने चक्रवातों को नाम देने की पद्धति शुरू की थी। इसके तहत कुल 8 देश बांग्लादेश, भारत, मालदीव, म्यांमार, ओमान, पाकिस्तान, श्रीलंका और थाईलैंड जैसे देशों के एक समूह ने बंगाल की खाड़ी और अरब सागर में उठने वाले चक्रवातों के लिए 8-8 नामों की एक सूची सौंपी थी। मई 2008 में आया अम्फन चक्रवात 2004 में जारी की गई सूची का अंतिम नाम था, जिसे थाईलैंड ने सुझाया था।
2018 में इन देशों के पैनल में ईरान, क़तर, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात और यमन का नाम भी जुड़ गया। यानी अब कुल 13 देश हो चुके हैं, जो 13-13 नामों की एक सूची बनाकर क्षेत्रीय मौसम विज्ञान संगठन को भेजते हैं। उन्हीं के सुझाए नामों के आधार पर अंग्रेजी वर्णमाला के क्रम में नाम रखा जाता है।
इसी साल आया निसर्ग चक्रवात इस 169 नामों की सूची का पहला नाम था, जिसे बांग्लादेश ने सुझाया था। इसके बाद गति (भारत) और अब निवार (ईरान) क्रमशः दूसरे और तीसरे नाम हैं। इसके बाद बुरेवि (मालदीव), ताक्ते (म्यांमार), गुलाब (पाकिस्तान), शाहीन (क़तर), जवाद (सऊदी अरब), असानी (श्रीलंका), सितरांग (थाईलैंड), मानदौस (यूएई) और मोचा (यमन) नाम रखा जाएगा। इसके बाद फिर अंग्रेजी वर्णमाला के क्रम के हिसाब से बांग्लादेश द्वारा सुझाए नाम ‘बिपरजॉय’ से शुरूआत होगी।
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