दरबार मूव क्या है? (What is Darbar Move):
दरबार मूव (Darbar Move) के तहत सभी प्रशासनिक सचिवों, नागरिक सचिवालय, राजभवन, पुलिस मुख्यालय और इनसे जुड़े कर्मचारी, फाइल्स, कंप्यूटर, फर्नीचर और अन्य सामानों को शीतकाल में कश्मीर से जम्मू और ग्रीष्मकाल में जम्मू से कश्मीर लाया जाता है।
दरबार मूव चर्चा में क्यों?
कोरोना वायरस (COVID-19) के कारण जम्मू-कश्मीर में 150 वर्ष पुरानी दरबार मूव (Darbar Move) की व्यवस्था में भी बदलाव किया गया है। फिलहाल शीतकालीन राजधानी जम्मू में दरबार बंद नहीं होगा।
नए आदेश के अनुसार, 4 मई से 15 जून तक सचिवालय और दरबार मूव कार्यालयों के कर्मचारी श्रीनगर व जम्मू दोनों जगह काम करेंगे। गौरतलब हो कि दरबार मूव पर सालाना लगभग 600 करोड़ रुपये खर्च होते हैं।
दरबार मूव की व्यवस्था कब शुरू हुई थी?
दरबार मूव की व्यवस्था 1872 में डोगरा शासनकाल में शुरू हुई हुई थी। तत्कालीन महाराजा रणवीर सिंह ने राज्य की भौगोलिक और प्राकृतिक परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए यह परंपरा शुरू की थी। इसके तहत महीने शीतकाल में 6 महीने जम्मू व ग्रीष्म काल में 6 महीने श्रीनगर में दरबार रहता है।
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