ओडिशा, पंजाब, महाराष्ट्र तेलंगाना, पश्चिम बंगाल और कर्नाटक ने कोरोना वायरस (COVID-19) महामारी के कारण लॉकडाउन (Lockdown) को 30 अप्रैल तक बढ़ा दिया है। मीडिया रिपोर्टस के अनुसार, केंद्र सरकार 21 दिन के राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन को दो सप्ताह के लिए बढ़ाने पर भी विचार कर रही है।
यदि राज्य अपने स्तर पर राज्यों में लॉकडाउन की घोषणा कर सकते हैं, तो यह सवाल उठता है कि केंद्र और राज्य के लॉकडाउन (Lockdown) लगाने में क्या अंतर है और कौनसा लॉकडाउन जरूरी है। यदि केंद्र और राज्य सरकार के मध्य टकराव की स्थिति हो तो क्या होगा?
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राज्यों द्वारा लॉकडाउन (Lockdown By States):
संविधान के अनुसार, कानून का लॉकडाउन सार्वजनिक स्वास्थ्य जैसे विषय राज्य सरकार के लिए रखे जाते हैं, जिसका अर्थ है कि राज्य दोनों से संबंधित कदम उठा सकते हैं। इसके अतिरिक्त, महामारी रोग और प्रसार को रोकने के लिए और व्यवस्था के साथ ही अधिनियम, 1897 के तहत कई राज्यों ने लॉकडाउन (Lockdown) का आदेश दिया है, जो उन्हें बीमारी के प्रकोप अस्थायी नियमों को प्रस्तुत करने का अधिकार देता है।
केंद्र सरकार का लॉकडाउन (Lockdown By Central Government):
केंद्र सरकार ने 24 मार्च को देशव्यापी लॉकडाउन (Lockdown) का आदेश देने के लिए राज्यों द्वारा लागू लॉकडाउन में एकरूपता की कमी का हवाला दिया था। लॉकडाउन का आदेश राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) के जरिए दिया गया था, आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 की धारा 6(2)(आई) के तहत इसका नेतृत्व प्रधानमंत्री करते हैं।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एनडीएमए के आदेश की अनुपालना में इस अधिनियम की धारा 10 (2) (एल) के तहत 21 दिन के लॉकडाउन के आदेश जारी किए। संभावना है कि लॉकडाउन (Lockdown) के विस्तार के लिए भी यही समान प्रक्रिया अपनाई जाएगी।
केंद्र और राज्यों में टकराव की स्थिति होने पर:
केंद्र ने राज्यों के साथ लॉक डाउन (Lockdown) को लेकर बातचीत की है। लेकिन सवाल उठता है कि क्या राज्य के लिए केंद्र के आदेशों की अवहेलना करना संभव है? विशेषज्ञों का कहना है, अपने आदेशों को लागू करने के लिए केंद्र की स्थिति मजबूत है।
संविधान के अनुच्छेद 254 में कहा गया है कि यदि संसद द्वारा बनाए गए कानून और राज्यों द्वारा बनाए गए कानून के बीच संगत है, तो इस परिस्थिति में केंद्र सरकार की स्थिति मजबूत होती है।
इसके साथ ही टकराव की स्थिति होने पर राष्ट्रपति के पास भी आपातकालीन अधिकार होते हैं। राज्य अपने यहां स्वयं के लॉक डाउन की घोषणा कर सकते हैं, लेकिन केंद्र द्वारा लगाए गए अनिवार्य लॉक डाउन (Lockdown) के लिए ना नहीं कह सकते।
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